
सोमवार सुबह जब दुनिया अपने-अपने काम में लगी थी, अमेरिका को “वर्क फ्रॉम व्हाइट हाउस” मानने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक और “ट्रुथ बम” गिराया।
ईरान पर अमेरिकी हमला: ट्रंप के फैसले से दुनिया में विरोध की लहर
ट्रंप साहब ने लिखा,सत्ता परिवर्तन कहना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन अगर मौजूदा ईरानी सरकार ईरान को फिर से महान नहीं बना पा रही है, तो फिर सत्ता परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? मेक ईरान ग्रेट अगेन!
अब ये बात तो सच है कि ट्रंप हर देश को महान बनाना चाहते हैं, बशर्ते उस देश की सरकार पहले हटे और उसकी जगह ट्रंप समर्थक कोई बिठाया जाए।
अमेरिका का रक्षा मंत्रालय: “ट्रंप ट्विटर चला रहे हैं, हम फाइलें संभाल रहे हैं”
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, जो देश की रक्षा और डैमेज कंट्रोल दोनों में माहिर माने जाते हैं, ने कहा, “हमारा मिशन सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं था।”
यानि ट्रंप के “Truth” को उन्हीं के रक्षा विभाग ने “बिलकुल Untruth” बता दिया। शायद उन्हें अब “फॉरवर्ड बाई ट्रंप” वाली पोस्ट्स को सूत्र नहीं, मीम समझने की आदत डाल लेनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति का स्पष्टीकरण: “हम सरकार नहीं गिराते, बस परमाणु ठिकाने उड़ाते हैं”
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी एबीसी न्यूज़ पर ट्रंप की सोशल पोस्ट पर बड़ा ही शांतिपूर्ण पंच मारा,”हम सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते। हमारा मकसद सिर्फ ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करना है।”
यानि अमेरिका बम तो फेंकेगा, लेकिन सरकार बदलवाना नहीं चाहेगा। जैसा कि कोई कहे – “घर के शीशे तोड़े हैं, पर मकान मालिक से कोई निजी दुश्मनी नहीं।”
ईरान बोले – हमला हुआ है, पर असर नहीं हुआ है
ईरान ने पुष्टि की कि अमेरिका ने फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान जैसे परमाणु ठिकानों पर हमला किया है, लेकिन साथ ही ये भी जोड़ा कि “कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।” यानि बम तो गिरे, पर बस शोर हुआ। कुछ गुलाबजल छिड़क लिया, सब ठीक है।
अमेरिका की विदेश नीति या ट्रंप की सोशल मीडिया सीरीज़?
अब सवाल ये उठता है कि अमेरिका की विदेश नीति वाकई वॉशिंगटन से बनती है या ट्रुथ सोशल के स्टेटस अपडेट्स से?
एक ओर सरकार कह रही है — हम कोई सरकार नहीं गिरा रहे,
दूसरी ओर ट्रंप कह रहे हैं — चलो ईरान को फिर से महान बनाते हैं, पहले सरकार बदलो!
शायद आने वाले समय में अमेरिका अपने विदेश मंत्रालय का नाम बदलकर “ट्रंप पोस्ट ट्रैकर” रख दे, और हर मिशन ट्रंप के मीम्स के हिसाब से सेट हो।
जब नेता पोस्ट करते हैं और देश बुलेट झेलते हैं
ट्रंप के बयानों ने फिर से साबित कर दिया कि एक सूट-बूट वाला इंसान भी सोशल मीडिया पर बैठकर विश्व राजनीति में आग लगा सकता है — और फिर कह सकता है: “It was just a post, bro.”
इस पूरे ड्रामे में अमेरिका की सरकार, डेमोक्रेट्स और दुनिया के रक्षा विशेषज्ञ – सभी ट्रंप की पोस्ट के बाद वही सोच रहे हैं जो हर ग्रुप चैट में एक मेम्बर की “गैरज़रूरी फॉरवर्ड” के बाद होता है – अब इसको कौन समझाए?